पाटण
आनर्त राज्य का अस्त होने के बाद पाटण गुजरात की राजधानी बना। सन ७४५ में वनराज चावडा ने उसे स्थापित किया। सन ९४२ और १२४४ के बीच, तीन सदियां तक वह सोलंकी राजवी मूलराज, कुमारपाल, और सिध्धराज की राजसत्ता में अपने विकास और वैभव के शिखर पर रहा। उस समय में संपत्ति और संस्कारिता में उस की बराबरी का एक भी और शहर सारे पश्चिम भारत में कहीं पर नहीं था।

सन १२४४ में पाटण को वाघेला राजवीओं ने हथिया लिया, लेकिन वे कोई ज्यादा ताकतवर साबित नहीं हुए। सन १३०४ में दिल्ही सलतनत ने गुजरात जीत लिया और पाटण में उस का सुबा राज्य की सत्ता संभाले रहा। सन १४११ में सुलतान अहमद शाह गुजरात की राजधानी पाटण से अहमदाबाद ले गया।