दो सौ वर्ष पुराना वट वृक्ष

वृध्धनगर
समय के बहते हुए, आनंदपुर जब बहुत पुराना और जीर्ण हो गया तो लोग कहने लगे कि अब वह वृध्ध नगर हो गया है। धीरे धीरे उसका नाम ही बदलकर वृध्ध्नगर हो गया। यह एक ऐसा नगर था कि जहां के मंदिर, आवास, और गलियां तक वृध्ध आदमी की तरह पुराने हो चूके थे। इस नगर के चौपास बहुत से छोटे-बडे सरोवर थे। ईन सरोवरों के आसपास वड के बडे बडे अनेक पुराने पेड थे। नगर भले ही पुराना हो गया, लेकिन अब भी वह संगीत, नाट्य, शिल्प, और वास्तुशास्त्र जैसी कलाओं में अग्रेसर था तथा विद्या और व्यापार का केन्द्र था। किंतु, अनेक कारणवश उसका आगे विकास रुक गया, और गुजरात में पहले वल्लभी और बादमें पाटण प्रमुख नगर बन गये। और अब, वृध्धनगर से बदल कर इस नगर का नाम वडनगर हो गया।